बुधवार को शिक्षामित्रों का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (jail bharo andolan) तीसरे दिन भी जारी रहा। शिक्षामित्रों का कहना है कि 10000 रुपये मानदेय का झुनझुना स्वीकार नहीं करेंगे। शिक्षामित्र समान कार्य-समान वेतन से कम पर कोई समझौता नहीं करेंगे।
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- इनकी मांग है कि केंद्र व राज्य सरकार संशोधित अध्यादेश लाकर प्रदेश के सभी 1,72,000 शिक्षामित्रों को पुनः शिक्षक बनाए।
- शिक्षामित्र जेल भरो आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
- शिक्षामित्रों के आक्रोश को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस और पीएसी बल तैनात किया गया है।
- वहीं प्रशासन की तरफ से लक्ष्मण मेला मैदान के पास 20 एम्बुलेंस लगाई गईं हैं।
- शिक्षामित्रों का एक डेलिगेशन अपनी मांगो को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।
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- इस डेलिगेशन की टीम में जितेंद्र शाही (अध्यक्ष आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर ऐसोसिएशन), गाजी इमाम आला (अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ), विश्व्नाथ कुशवाहा (महामंत्री आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर ऐसोसिएशन), पुनीत चौधरी (महामंत्री प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ), अवनीश सिंह (प्रांतीय मंत्री), शिवकुमार शुक्ला (संरक्षक), रमेश मिश्रा, रीना सिंह, दीन नाथ दिक्षित, राकेश बजपई नाम शामिल हैं।
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- शिक्षामित्रों के सभी संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश के सुदूर अंचलों से आए लाखों शिक्षामित्रों ने अभी नहीं तो कभी नहीं, शिक्षक बन कर बनने आए हैं शिक्षक बन कर ही जाएंगे, के संकल्प के साथ अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन के दूसरे दिन भी लक्ष्मण मेला मैदान में डटे हुए हैं।
- प्रदर्शनकारी भीषण गर्मी व उमस की परवाह न करते हुए महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों के साथ दो दिन से धरना स्थल पर ही डेरा डाले हुए हैं।
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- बता दें कि 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम (jail bharo andolan) कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द कर देने से शिक्षामित्रों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
- समायोजन रद्द होने के बाद से ही शिक्षामित्र संशोधित अध्यादेश लाकर पुनः सहायक शिक्षक बनाने व प्रक्रिया पूर्ण होने तक समान कार्य समान वेतन देने की मांग करते हुए जिला स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं।
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- इस बीच कई दौर से वार्ता के बाद भी कोई हल ना निकलता देख शिक्षामित्रों ने 21 अगस्त को गोमती तट पर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन का ऐलान कर दिया।
- आंदोलन के पहले दिन शासन प्रशासन ने कई बार मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह से वार्ता कराने का प्रस्ताव रखा। किंतु शिक्षामित्र मुख्यमंत्री से वार्ता करने पर ही अडिग रहे।
- 21 अगस्त की देर शाम अपर मुख्य सचिव ने शिक्षामित्रों के मूल पर प्रभाव से ₹10000 मानदेय देने, शिक्षामित्र कार्यालय का प्रति सत्र 2.5 अधिकतम 25 अंक भारांश देने और 15 अक्टूबर 2017 को शिक्षक पद पात्रता परीक्षा टीईटी परीक्षा आयोजित कराने का आदेश जारी कर दिया।
- जिसमें शिक्षामित्रों की खासा रोष बढ़ गया।
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क्या बोले शिक्षा मित्र नेता
- प्रदेश अध्यक्ष जीतेन्द्र शाही ने (jail bharo andolan) प्रदेश सरकार को ललकारते हुए कहा कि मनमाने ढंग से जारी किए गए मुख्य अपर सचिव के आदेश को कतई स्वीकार नहीं करुंगा।
- ₹10000 मानदेय का झुनझुना नहीं चाहिए।
- समान कार्य समान वेतन से काम पर कोई समझौता स्वीकार नहीं करुंगा।
- वहीं प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने प्रदेश सरकार की हठधर्मिता पर अफसोस व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रपति उत्तर प्रदेश से प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश के गृह मंत्री उत्तर प्रदेश और केंद्र व प्रदेश में सरकार भी भारतीय जनता पार्टी की है।
- फिर भी उत्तर प्रदेश का शिक्षक सड़कों पर आंदोलन करने को बाध्य हैं।
- इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है।
- उन्होंने मांग की है कि राज्य व केंद्र सरकार मिलकर संशोधित अध्यादेश लाकर प्रदेश के 172000 शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक बनाए।
- उन्होंने कहा प्रक्रिया पूर्ण होने तक समान कार्य समान वेतन का लाभ सभी से शिक्षामित्रों को प्रदान किया जाए अन्यथा अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन जारी रहेगा।
- अगर बात फिर भी नहीं बनी (jail bharo andolan) तो शिक्षामित्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जायेंगे।