ग्राम पंचायत शरीफाबाद के गुड़ पुरवा गांव में लगभग तीन वर्षो से पेयजल की किल्लत चली आ रही है। गाँव में लगे मात्र तीन नल में से दो नल से पानी की बूंद न टपकने से ग्रामीणों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों की ओर से कई बार पेयजल समस्या के स्थायी हल के लिए संबंधित विभाग से गुहार लगाने के बावजूद कोई हल नहीं हो पाया है, इस कारण ग्रामीणों में विभाग के खिलाफ काफी रोष है।
पानी के संकट से जूझ रहे 150 परिवार
इस वजह से ग्रामीणों को एक नल से ही एक बाल्टी पानी भरने के लिए दो घंटे तक लाइन में खड़े होना पड़ता है लोगों ने बताया कि नल से पानी की बूंद-बूंद टपकती है इस गाँव में रहने वाले लगभग 150 परिवार लंबे समय से पेयजल किल्लत से जूझ रहे हैं।
नदी का पानी पीने को मजबूर ग्रामवासी
मजबूरी में लोगों को पीने का पानी 500 मीटर दूर जाकर गोमती नदी से लाना पड़ता है। इसमें ग्रामीणों का पूरा दिन पानी को ढोने में ही निकल जाता है। ग्रामीण राजाराम, सन्तोषी, मड़ई ने बताया कि पेयजल किल्लत के बारे में जिला प्रशासन और संबंधित विभाग को कई बार अवगत करवाया जा चुका है मगर हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा पानी की किल्लत जस की तस बनी हुई है।
सरकारी दावो की खुली पोल
गुड़ पुरवा गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है। जबकि सरकार कहती है कि गांव-गांव में सड़क, पानी और बिजली की व्यवस्था सुधारी गई है सभी ग्रामीण केवल एक नल के भरोसे पर है।
अपने सांसद-विधायक को नहीं पहचानते इस गाँव के ग्रामीण
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में भले ही विकास के नाम पर आगामी चुनाव में ताल ठोकने की तैयारी कर रही है और सरकार सूबे के गांवो स्वच्छ पानी पंहुचाने को अपना मिशन बता कर जनता के बीच अपनी पहुच बनाने जुटे हो। लेकिन गुड़ पुरवा गाँव के ग्रामीणों का कहना है कि आज तक हम लोगो ने अपने विधायक और सांसद का चेहरा नहीं देखा न ही कोई भी जन प्रतिनिधि कभी हमारे गाँव में आता है।
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