भारत की स्टार महिला क्रिकेटर और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत को बड़ा झटका लगा है। अर्जुन पुरस्कार विजेता हरमनप्रीत के मेरठ विश्वविद्यालय से प्राप्त बीए के सर्टिफिकेट पर पंजाब पुलिस ने जांच के बाद सवाल उठा दिए हैं। पुलिस ने इसे नकली बताया है। इस स्थिति में हरमनप्रीत कौर को डीएसपी का गंवाना पड़ सकता है। हरमनप्रीत ने इसी साल रेलवे की नौकरी छोड़ कर पंजाब पुलिस में डीएसपी के पद पर ज्वाइन किया था।
पंजाब पुलिस ने लगाया आरोप:
भारतीय महिला टीम की ऑल राउंडर क्रिकेटर और अर्जुन अवार्डी हरमनप्रीत कौर ने पुलिस अफसर की नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा कर डाला है। रेलवे में नौकरी कर रही हरमनप्रीत ने डिप्टी एसपी की नौकरी पाने के लिए आवेदन में फर्जी मार्कशीट ही लगा दी।
पंजाब पुलिस और मेरठ के सीसीएस विश्वविद्यालय की जॉच में महिला क्रिकेटर की मार्कशीट फर्जी पायी गयी है। हरमनप्रीत कौर को इसी साल पंजाब पुलिस ने डिप्टी एसपी बनाया था।
गवां सकती हैं डीएसपी की नौकरी:
पंजाब के मोगा की हरमनप्रीत कौर भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ी और पंजाब पुलिस की डिप्टी एसपी है। हरमनप्रीत को 2017 में राष्ट्रपति ने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवार्ड से नवाजा था.
2018 में पंजाब पुलिस ने प्रांत के इस गौरव को विभाग में डिप्टी एसपी बना दिया। मगर नौकरी के लिए हरमनप्रीत ने बीए की जिस डिग्री का इस्तेमाल किया, वह फर्जी निकली।
मेरठ के चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय के नाम से जारी इस डिग्री का नामांकन और रोल नंबर विश्वविद्यालय के गोपनीय विभाग के अभिलेखों में नहीं मिला है। यानी यह डिग्री फर्जी है।
मेरठ विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री:
फर्जी डिग्री के मुताबिक कला वर्ग से हरमनप्रीत ने शहर के 128 साल पुराने मेरठ कालेज से सन् 2011 में बीए किया है।
पंजाब पुलिस ने 13 मार्च 2018 को इसके वेरीफिकेशन के लिए विश्वविद्यालय को चिठ्ठी भेजी और विश्वविद्यालय के विजिलेंस विभाग ने विश्वविद्यालय में इस डिग्री का रिकॉर्ड न होने की रिपोर्ट पंजाब पुलिस को भेज दी।
इसके बाद अप्रैल में दोबारा पंजाब पुलिस ने स्पेशल मैसेंजर से 3 अप्रैल 2018 को चिठ्ठी भिजवाई जिसका जबाब पहली चिठ्ठी के नतीजे जैसा 8 अप्रैल को भेज दिया गया। हरमनप्रीत कौर ने इसी डिग्री से भारतीय रेलवे में भी नौकरी पायी है और डीएसपी बनने से पहले तक वहीं कार्यरत थी।