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बैंक नोट प्रेस से लाखों की गड्डी चोरी होते ही हुए खुलासे

नोटबंदी के बाद शायद ही कोई होगा जिसने अपने पैसों को बदलने में परेशानी ना उठाई हो. जहाँ पैसों को बदलने के लिए लंबी भीड़ लगी थी, वहीँ इस सरकार के इस फैसले की खुशी और सरकार के प्रति विश्वास लोगों की ताकत बन रही थी. जहाँ हमें पैसों को लेकर परेशानी थी, वहीँ नई नोट आने के बाद हमने रहत की साँस ली थी, लेकिन अब डेढ़ साल के बाद बैंक नोट प्रेस देवास में शुक्रवार को एक अधिकारी को अरेस्ट होतें ही हडकंप सा मच गया था. प्रेस से करीबन 90 लाख रुपए के नोट चुराने वाले अधिकारी को पकड़ने के बाद 500 की नोट को लेकर चौकाने वाले खुलासे हुए हैं.

सबसे ज्यादा छपे 500 के नोट:

आपको बता दें कि नोटबंदी के दौर में सबसे ज्यादा मांग थी जिसकी वह थी 500 रुपयों के नोट की और इसकी सबसे ज्यादा छपाई प्रिंटिंग देवास स्थित बैंक नोट प्रेस में ही हुई थी. वहीँ इस  प्रेस में 500 रुपये के नोट के अलावा 100 रुपये, 200 रुपये और 20 रुपये के नोट भी छापे जा रहे थे.

बंद हुई रिजेक्ट नोट पर छेद की प्रक्रिया:

आपको बता दें प्राप्त जानकारी के अनुसार रिजेक्ट नोटों के सीरियल नंबर और वाटर मार्क वाली जगह पर बारीक छेद करने के साथ वैक्स इंक से क्रॉस के निशान लगाए जाते थे, वहीं जो नोट जब्त किए गए हैं उन पर वैक्स इंक के निशान भी नहीं हैं.

इसके साथ ही साथ बैंक नोट प्रेस के कंपनी बनते ही बैंक ने खर्चों में कटौती का हवाला देते हुए नोटों की जांच से जुड़ी कई प्रक्रियाएं बंद कर दी है. इसमें सबसे घातक निर्णय रिजेक्ट नोट के सीरियल नंबर और वाटर मार्क में छोटे-छोटे छेद करने की प्रक्रिया बंद करने का रहा.

आपको बता दें कि इसके पीछे उद्देश्य था कि यह नोट बाजार में नहीं चल सके और यही नहीं इन रिजेक्ट नोटों के वाटर मार्क के ऊपर लाल या नीले कलर की वैक्स इंक से निशान लगाए जाते हैं. इसके साथ साथ रिजेक्ट शीट और नोट कंट्रोल ऑफिसर के पास जमा होता हैं. फिर बिना नंबर वाली नोटों की छपी शीट लेकर उन पर नंबरिंग कर १०० के नोटों की गड्डी पूरी करने का कम किया जाता है और रिजेक्ट हुए कटे नोट कंट्रोल ऑफिसर के पास जमा करा दिए जाते हैं.

वहीँ देवास सीएसपी तरुणेंद्र सिंह के मुताबिक जब्त किए गए सभी नोटों पर वैक्स इंक के ऐसे कोई निशान नहीं पाए गए, जो एक बड़ी गलती की और इशारा करता है.

मोम के पेन के क्रॉस निशान मिटा दिए:

आपको बता दें कि नोट की छपाई में कई बार एक ही नोट पर दो सीरियल नंबर छप जा रहे हैं, लेकिन अब इसे पकड़ने के लिए डिटेक्टर ने काम शुरू कर दिया है. आरोपी वर्मा ने नोटों के वाटर मार्क पर लगे लाल या नीले कलर के मोम के पेन के क्रॉस निशान मिटा दिए थे. पुलिस ने ऐसे कई सारे नोट आरोपी से जब्त किये हैं.

आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के देवास में स्थित बैंक नोट प्रेस से एक चौंकाने वाली खबर सामने आते ही 500 की नोट को लेकर हडकंप सा मच गया था. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैंक नोट मुद्रणालय से सीनियर सुपरवाईजर के पद पर तैनात मनोहर वर्मा ने वहां से लाखों रुपए के नोट चोरी किये थे.

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वहीँ जैसे ही ये मामला सामने आया था, वैसे ही वर्मा के ऑफिस के चेम्बर की तलाशी शुरू हो गई थी. तलाशी के दौरान उनके चेम्बर से करीब 26 लाख 9 हजार रुपए बरामद किये गए थे.

इसके साथ ही जब घर की तलाशी ली गई तो 64 लाख रुपए मिलने की बात सामने आई है. बताया जा रहा है कि अब तक करीब 90 लाख रुपए बरामद हो चुके हैं. इतनी भारी मात्रा में मुद्रा मिलने के बाद मनोहर वर्मा पर कार्यवाही की जा रही है.

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