विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत चीन सीमा विवाद के संबंध में संसदीय समिति को जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि डोकलाम मुद्दे पर चीन का अडियल रुख अब तक बरकरार है। वह चीन सीमा को भी गलत ढ़ंग से पेश कर रहा है। विदेश सचिव ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए राजनयिक माध्यम से चीन के साथ बातचीत का प्रयास कर रहे हैं।
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भारत चीन सीमा विवाद पर दी जानकारी :
- संसदीय समिति में मौजूद एक सदस्य ने इस संबंध में जानकारी दी।
- बताया कि हालिया टकराव को लेकर चीन की आक्रामकता और वाकपटुता असामान्य है।
- लेकिन स्थिति इतनी जटिल नहीं है, जैसा कि एक धड़े की तरफ से पेश की जा रही है।
- उन्होंने विश्वास जताया कि इस विवाद पर राजनयिक तरीके से बात करना जारी रखेंगे।
- विदेश सचिव ने समिति को बताया कि सीमा को लेकर भारत और चीन ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
- लेकिन वे उसका गलत अर्थ लगा रहे हैं, जिसे भारत स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा है।
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1895 से अब तक भारत के रुख में कोई परिवर्तन नहीं :
- उन्होंने कहा कि एक एंग्लो-चीनी समझौते के अनुसार वर्ष 1895 से अब तक भारत के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
- एक अन्य सदस्य के मुताबिक विदेश सचिव ने ‘युद्ध जैसी स्थिति या विवाद’ जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया।
- बल्कि डोकलाम की हालिया स्थिति के वर्णन के लिए उन्होंने ‘टकराव’ शब्द का उपयोग किया।
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गोपनीय थी यह बैठक :
- दोनों सदस्यों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि यह बैठक गोपनीय थी।
- गौरतलब है कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया।
- जिसके बाद करीब एक माह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली है।
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