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कई राज्यों में गौहत्या पर प्रतिबंध के बाद भी बीफ निर्यात में पहले स्थान पर भारत

India is largest beef exporter in world after ban on slaughtering houses

India is largest beef exporter in world after ban on slaughtering houses

देश में मोदी सरकार आने के बाद से ही बीफ और गौहत्या का मामला हमेशा से सुर्ख़ियों में रहा है. न केवल केंद्र व राज्य की भाजपा सरकारों नें इसपर प्रतिबंध लगाने की भरसक कोशिश की बल्कि गौ हत्या को लेकर लगातार भीड़ हिस्सा भी देखने को मिलती रही. बावजूद इसके एक सर्वे गौ हत्या और गौ मांस पर लगे प्रतिबंध पर शर्मनाक रिपोर्ट पेश करता है. इस सर्वे के मुताबिक़ दुनिया में भारत बीफ के कारोबार में सबसे बड़ा देश है. यहाँ सालाना 27 हजार करोड़ का बीफ का कारोबार होता है. 

सालाना 27 हजार करोड़ का बीफ का कारोबार:

जिस देश में बीफ और गौ हत्या के मुद्दे पर भीड़ हिंसा की शर्मनाक घटना घट रही हैं उस देश का सबसे बड़ा और सबसे आश्चर्यजनक सच ये है कि वर्तमान सरकार में भारत बीफ निर्यात में विश्व में पहले स्थान पर पहुंच गया है। भारत में बीफ के सालाना कारोबार की रकम करीब 27 हजार करोड़ रुपये है।
अमेरिका के एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि मोदी सरकार बनने के बाद  बीफ निर्यात में बढ़ोतरी हुई है.
पिछले साल अक्टूबर में भारत में पहले की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा बीफ निर्यात हुआ है.

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बता दें कि पिछले कुछ सालों में बीफ और गौ हत्या के मामले में कई हत्याएं और संघर्ष हुए. इनमें ज्यादातर तो अफवाहों के चलते संगीन हो गये. जिनमें गुजरात के ऊना और अखलाक जैसे मामलें पूरे देश में सुर्ख़ियों में रहे .
इन सब के बावजूद सर्वे के आकड़ों ने न केवल बीफ और गौ हत्या प्रतिबंध पर बल्कि सरकार की कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाया है. बढ़ती मॉब लीचिंग की घटनाएँ भी गौ हत्या को बीफ कारोबार को कम नहीं बल्कि बढ़ा ही रही हैं.

गौ हत्या को लेकर हुई हिंसा: 

-28 सितंबर 2015: उत्तरप्रदेश के दादरी में मोहम्मद अखलाक को भीड़ ने घर में बीफ रखने के शक में मार डाला। जिसके बाद जुलाई 2017 तक लगभग 20 माह में गो-तस्करी व बीफ रखने की शंका में अलग-अलग मामलों में 14 लोगों की जान भीड़ ने ले ली।

-अक्टूबर 2015: कर्नाटक में बजरंग दल के कार्यकर्ता प्रशांत पुजारी की हत्या कथित तौर पर इसलिए की गई क्योंकि वह मेंगलुरू में गौ रक्षा के लिए मुहिम चला रहे थे.

-जुलाई 2016: अहमदाबाद से करीब 360 किलोमीटर दूर उना में गो हत्या के आरोप में दलित युवकों कथित तौर पर गो-रक्षकों ने अर्धनग्न कर बुरी तरह मारा पीटा गया था जिसके बाद विवाद बहुत बढ़ गया था।

-1 अप्रैल 2017: राजस्थान के अलवर में पहलू खान नाम के 55 वर्षीय पशु व्यापारी की कथित गोरक्षकों की भीड़ ने गो-तस्करी के शक में पिटाई कर दी थी। अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

-30 अप्रैल 2017: असम के नगांव में गाय चुराने के शक में भीड़ ने 2 लोगों की हत्या कर दी।

-7 जून 2017: झारखंड के धनबाद में इफ्तार पार्टी के लिए बीफ ले जाने के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या।

सोशल मीडिया से बढ़ रहीं घटनाएँ:

इसके अलावा भी गौ हत्या और बीफ कारोबार के कई ऐसे मामलें हैं जिन्होंने मॉब लीचिंग को बढ़ावा दिया. इनमें सबसे ज्यादा मामलें अफवाह के रहे. इन अफवाहों को फैलाने का मुख्य तरीका रहा सोशल मीडिया.

सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों के कारण देशभर में भीड़ द्वारा लोगों को पीटने या हत्या करने की घटनाएं बढ़ रही हैं। मोहम्मद अखलाक, डीएसपी अयूब पंडित, रवींद्र कुमार, जफर खान और पहलू खान। ये वो नाम हैं, जिन्हें ऐसी ही भीड़ ने मार डाला। ऐसे और भी कई मामलें हैं जो मॉब लीचिंग के मामलों में तब्दील हो गये.

फेक न्यूज सबसे बड़ी वजह:

देशभर के अलग-अलग हिस्सों से सामाने आ रहे भीड़ हिंसा के मामले बताते हैं कि वॉट्सएप इसकी सबसे बड़ी वजह रहा है। इसलिए कि इसमें ग्रुप में संदेश भेजने वाला बेहद आसान फीचर है।

भारत में यह इसलिए और भी खतरनाक साबित हो रहा है कि वॉट्सएप का इस्तेमाल करने वाले सबसे ज्यादा लोग यहीं हैं। दुनिया में 1 अरब लोग इसे इस्तेमाल कर रहे हैं, तो 25 करोड़ लोग इनमें भारत के हैं।

इसमें से अधिकांश की सुबह ही वॉट्सएप के साथ होती है और दिन का अंत भी। हालांकि अब वॉट्सएप भारत में ग्रुप मैसेज पर नियंत्रण के लिए टेस्ट करने जा रहा है। इसके तहत लोग वॉट्सएप पर कोई एक संदेश 5 से ज्यादा बार फॉर्वर्ड नहीं कर सकेंगे। टेस्ट सफल रहा तो इसे नियम के तौर पर लागू कर दिया जाएगा।

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