राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को अपने कार्यक्षेत्र में अभिन्न योगदान करने के लिए डॉक्ट्रेेेट की उपाधि प्राप्त हुई है. पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उन्हें विकास के लिए ये उपाधि मिली है. महाराष्ट्र एनिमल एंड फिश साइंस यूनिविर्सिटी में दीक्षांत समारोह के दौरान उन्हें इस उपाधि से नवाज़ा गया.
गौशाला, गौ-मूत्र पर की गहन रिसर्च
- दीक्षांत समारोह में भागवत के चारित्रिक गुणों पर बात की गयी.
- भागवत बौद्धिकता, सामाजिक कार्यों में समर्पण, दृढ़ता जैसे गुणों के चलते
- समाज के एक महत्वपूर्ण संगठन के शीर्ष पद पर पहुंचे हैं.
- समारोह में कहा गया कि भागवत अपने राष्ट्र समर्पण से दूसरों को
- प्रेरित कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव व
- सीएम देवेंद्र फडणवीस और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक
- त्रिलोचन महापात्रा भी मौजूद थे.भागवत के द्वारा की गयी रिसर्च कई तथ्यों को
- दर्शा रही है. गायों का प्रयोग केवल उनके दूध के लिए नहीं बल्कि
- गोबर और गौमूत्र भी कई तरीकों से लाभकारी है.
कांग्रेस का आरोप
- मोहन भागवत को इस उपाधि से नवाजे जाने पर कई सवाल उठाये जा रही हैं.
- शिक्षाविद् रमेश जोशी के अनुसार ये उपाधि नॉन एकेडमिक रिसर्च के तहत कैसे दी जा सकती है.
- इसका रिसर्च से कोई भी ताल्लुक नहीं है.
- कई लोग ये भी कह रहे हैं की इसमें एक तरह से राजनितिक प्रभाव भी हो सकता है.
- कान्ग्रेस ने भी इसपर सवाल उठाये हैं.
- मोहन भागवत ने कुछ समय पूर्व सरकारी पशुचिकित्सा कॉलेज से बैचलर डिग्री ली है.