देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने दस राज्यों को फटकार लगाई है.मामला स्पीड गवर्नर लगाने की मांग वाली याचिका का है जिसमें दस राज्यों ने जवाब दाखिल नहीं किया है.जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में इस केस की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट न्यायालय है कोई मज़ाक नहीं
- जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले पर नाराज़गी जताई.
- दस राज्यों द्वारा इस केस में जवाब क्यों नहीं आया है.
- ऐसा रवैया कोर्ट की अवमानना मानी जाएगी.
- दस राज्यों के परिवहन सचिव को आदेश दिए गए थे.
- वाहनों में स्पीड गवर्नर (गति सीमा तय करने का यंत्र) लगाने की मांग वाली याचिका पर.
- दस राज्यों द्वारा इस केस में जवाब माँगा गया था.जिसे तय सीमा पर पूर्ण नहीं किया गया.
- कोर्ट ने इन सभी राज्यों के अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष पेश होना पड़ेगा.
15 अप्रैल, 2015 की अधिसूचना को कोर्ट में चुनौती
- गैर सरकारी संगठन और कुछ अन्य वाहनों को इसके अंतर्गत छूट प्रदान की गयी है.
- जिन्हें छूट मिली है उनके लिए वाहन में यंत्र लगाना अनिवार्य नहीं है.
- आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, नागालैंड, सिक्किम, तमिलनाडु, दिल्ली, त्रिपुरा, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश.
- द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया गया है.मामले की सुनवाई को चार हफ्ते के लिए स्थगित कर दी है.
- एक याचिकाकर्ता द्वारा जिन वाहनों को छूट दी गयी है.उस पर भी सवाल उठाया गया.
- याचिकाकर्ता ने बोला जिन वाहनों को छूट मिली है उनकी गाड़ियों द्वारा ही सबसे ज्यादा दुर्घटना होती है.