तमाम कयासों पर रोक लगाते हुए आखिरकार भाजपा ने फूलपुर और गोरखपुर से लोकसभा उपचुनाव के पार्टी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। फूलपुर से कौशलेंद्र सिंह पटेल के नाम पर मुहर लगी है तो सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर से भाजपा ने उपेन्द्र दत्त शुक्ल को मौक़ा दिया है। गोरखपुर से उपेन्द्र शुक्ल के प्रत्याशी बनाये जाने से सीएम योगी आदित्यनाथ खासे नाराज हैं। खबर है कि उन्होंने अपनी नाराजगी दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी दिखाई थी।
मंदिर के पुजारी थे योगी की पसंद :
भाजपा नेतृत्व को मंदिर की सीट का हवाला देते हुए सीएम योगी ने उनसे गोरखनाथ मंदिर के वर्तमान पुजारी बाबा कमलनाथ को प्रत्याशी बनाने की बात कही थी। सियासी गलियारों में खबर है कि भाजपा नेतृत्व अंत तक इस नाम पर राजी था मगर अचानक उपेंद्र दत्ता शुक्ल के नाम का ऐलान हो जाने से खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी हैरान रह गये हैं। मगर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के इस फैसले से साफ़ हो गया कि वे नहीं चाहते हैं कि किसी लोकसभा सीट पर सिर्फ 1 नेता का ही आधिपत्य बना रहे।
बता दें कि पिछले लगभग 20 सालों से योगी आदित्यनाथ संसद में गोरखपुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सत्ता के गलियारों में खबर है कि योगी आदित्यनाथ के सांसद रहते कभी उपेंद्र शुक्ल को चुनाव लड़ने का मौक़ा नहीं मिला। लोगों का कहना है कि दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं है। अब तो भाजपा ने सीएम योगी की पसंद को दरकिनार कर दिया है।
सपा-कांग्रेस ने उतारे प्रत्याशी :
भाजपा ने आज जाकर अपने प्रत्याशी का ऐलान किया है मगर कांग्रेस पहले ही फूलपुर से अमरनाथ मिश्र और गोरखपुर से डा. सुरहिता करीम को प्रत्याशी बना चुकी है। इसके अलावा सपा में गोरखपुर उपचुनाव में जाति कार्ड खेलते हुए अखिलेश यादव ने इंजीनियर प्रवीण कुमार निषाद के नाम पर दांव खेला है। साथ ही फूलपुर उपचुनाव में नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है।ऐसे में अब सभी प्रत्याशियों के नाम सामने आने के बाद उपचुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। गोरखपुर और फूलपुर दोनों जगह भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इन दोनों सीटों के नतीजे भाजपा के लिए 2019 की राह तय करेंगे।