Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh Lok Sabha

अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र : जानिए, अकबरपुर लोकसभा सीट का इतिहास

अकबरपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उतरप्रदेश की 8अकबरपुर0 लोकसभा सीटों में से 44वीं लोकसभा सीट है| अकबरपुर कानपुर देहात जिले का मुख्यालय है| अकबरपुर राष्ट्रीय राजमार्ग 2, एनएच-25, एनएच-86 और एनएच-91 से जुड़ा हुआ है| यही कारण है की यह क्षेत्र उद्योग की दृष्टि से काफी विकसित है| यहाँ की एक बड़ी आबादी कृषि से जुडी हुई है|

2011 की जनगणना के अनुसार अकबरपुर की आबादी 111,594 है,जिनमे पुरुषों की जनसंख्या 57,560 और महिलाओं की आबादी 54,034 है|यहाँ की 18% आबादी छ साल से कम की है| प्रति 1000 पुरुषों पर 939 महिलायें हैं| अकबरपुर की साक्षरता दर 76.94% है| पुरुषों की साक्षरता दर 83.89% जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 63.54% है| अकबरपुर मुख्य रूप से हिन्दू बहुल क्षेत्र है| यहाँ की 75% आबादी हिन्दू और 23% आबादी मुस्लिम धर्म में आस्था रखती है| अकबरपुर संसदीय क्षेत्र में कुल दस मंडल आते है-

अकबरपुर, सरबनखेडा, चौबेपुर, कल्याणपुर, कानपुर, सरसौल, मैथा, भीतर गाँव, घाटमपुर, पटरा, विधुनु |

चुनाव आयोग की 2009 के आंकड़ों के अनुसार अकबरपुर निर्वाचन क्षेत्र में 1,461,050 मतदाता है| यहाँ पुरुष मतदाताओं की संख्या 809,180 और महिला मतदातों की संख्या 651,870 है| अकबरपुर में उतरप्रदेश विधानसभा की पांच सीटें आती है जिनमे से एक अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है|

अकबरपुर रानिया, बिठूर, कल्याणपुर, महाराजापुर, घाटमपुर(अ.जा.)

अकबरपुर लोकसभा सीट पर 1962 में पहली बार चुनाव हुआ| उस वक़्त यह उतरप्रदेश की 27वीं लोकसभा सीट थी| 1962 के आमचुनावों में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी| पहली बार हुए चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पन्ना लाल ने आसन जीत दर्ज की| 1967 के चुनावों में रिपब्लिक पार्टी ऑफ़ इंडिया के आर.जे .राम ने कांग्रेस के पी.लाल को मात्र साढ़े तीन हज़ार वोटों से हराकर कांग्रेस की उम्मीदों पर पानी फ़ेर दिया| 1998 में इस सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी की सुश्री मायावती समाजवादी पार्टी के डॉक्टर लालता प्रसाद को हराकर इस सीट से पहली महिला सांसद के रूप में निर्वाचित हुई| 2002 में हुए उपचुनावों में यह सीट सामान्य श्रेणी में आ गई| उपचुनावों में बसपा के त्रिभुवन दत्त ने सपा के मंजुलाल मांझी को हराया| 2004 में यह सीट फिर से अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई और मायावती यहाँ से तीसरी बार निर्वाचित हुई|

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के  देवेन्द्र सिंह उर्फ़ भोले सिंह सांसद है| [/penci_blockquote]

मात्र दसवीं तक पढ़े भोले सिंह सोलहवीं लोकसभा में ऊर्जा से जुड़े मामलों की स्थाई समिति के सदस्य है|लोकसभा में उपस्थिति के मामले में यूपी का औसत 86% है वहीँ  भोले सिंह की उपस्थिति 90% है|जहाँ एक ओर मौजूदा लोकसभा में सवाल पूछने का राष्ट्रीय औसत 251 और राज्य का औसत 167 है वहीँ स्थानीय सांसद ने मात्र 96 प्रश्न ही पूछे है| सांसद महोदय ने अबतक कोई निजी सदस्य बिल पेश नहीं किये है|

लोकसभा वर्ष पार्टी नाम
तीसरी 1962 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पन्नालाल
चौथी 1967 रिपब्लिक पार्टी ऑफ़ इंडिया आर.जे.राम
पांचवीं 1971 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस रामजी राम
छठीं 1977 भारतीय लोकदल मंगल देव विषारद
सातवीं 1980 जनता पार्टी (एस) राम अवध
आठवीं 1984 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राम प्यारे सुमन
नौवीं 1989 जनता दल राम अवध
दसवीं 1991 बसपा घनश्याम चन्द्र
ग्यारहवीं 1996 बसपा मायावती
बारहवीं 1998 बसपा मायावती
तेरहवीं 1999 बसपा मायावती
उपचुनाव 2002 बसपा त्रिभुवन दत्त
उपचुनाव 2004 सपा शंखलाल मांझी
चौदहवी 2004 बसपा मायावती
पंद्रहवीं 2009 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस राजाराम
सोलहवीं 2014 भारतीय जनता पार्टी देवेन्द्र सिंह

Related posts

मेरठ लोकसभा क्षेत्र : जानिए, मेरठ ( Meerut ) लोकसभा सीट का इतिहास

Desk
6 years ago

देवरिया लोकसभा क्षेत्र : जानिए, देवरिया लोकसभा सीट का इतिहास

Desk
6 years ago

कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र : जानिए, कौशाम्बी लोकसभा सीट का इतिहास

Desk
6 years ago
Exit mobile version