नदियों के बढ़ते जलस्तर ने सूबे के कई जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है. घाघरा के बढ़ते जल स्तर ने सूबे के कई जिलों में तबाही मचा रखी है. गोंडा में बैराजों से छोड़ा जा रहा है. लाखों क्यूसेक पानी बैराजों से छोड़ा गया है. यहाँ घाघरा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. कर्नलगंज और तरबगंज क्षेत्र में पलायन जारी बदस्तूर जारी है.
नेपाल-उत्तराखंड के पानी से यूपी के कई जिले जलमग्न:
- नेपाल-उत्तराखण्ड के पहाड़ों पर बारिश लगातार हो रही है.
- जबकि गिरिजा बैराज से 1.31 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
- ये पानी अब यूपी के कई जिलों के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है.
- बनबसा बैराज से 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है.
- शारदा,घाघरा, सुहेली,मोहाना नदियां उफान पर हैं.
- बाढ़ के कारण कई घर पानी में बह चुके हैं और भारी नुकसान हुआ है.
करीब 80 लोगों की गई जान:
- इन 24 जनपदों बाढ़ के चलते 80 लोग काल के गाल में समां गए हैं.
- जबकि 3 लोग घायल और एक लापता है.
- यही नहीं इस बाढ़ के चलते 2 हज़ार से ज्यादा कच्चे और पक्के घर तबाह किये है.
- 24 जनपदों में आई बाढ़ में करीब 1500 गाँव पानी से घिरे हुए है.
- इन गाँव से संपर्क करने का मार्ग भी फिलहाल ठप है.
- हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी जिलों का दौरा कर बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं.
- अफसरों की लचर कार्यप्रणाली के चलते बाढ़ प्रभावितों को मदद मिलने में दिक्कतें आ रही हैं.
इन जिलों में बाढ़ बनी त्रासदी-
- तेज बारिश के चलते बाढ़ ने गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बाराबंकी, गोंडा, आजमगढ़, बहराइच, मऊ आदि जनपदों में पांव पसार लिए हैं.
- ज्यादातर जगहों पर जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते बाढ़ को एक त्रासदी बनने का अवसर मिला है.
- दरअसल, कई जगहों पर पाया गया है कि ग्रामीणों की बांध रिसाव आदि की सूचनाओं पर त्वरित कदम नहीं उठाया जा रहा है.
- वहीं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन अपनी ओर मदद की कार्रवाई करने में पूर्णतया सफल नहीं हो पा रहा है.