आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति (aarakshan bachao), उ0प्र0 की प्रान्तीय कार्यसमिति की आज एक बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें संघर्ष समिति के नेताओं ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला। बैठक में बोलते हुए नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से यह पूछा कि पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संशोधन 117वां बिल लोकसभा के वर्तमान मानसून सत्र में पास होगा या नहीं?
Exclusive तस्वीरें: शाह संग योगी ने जमीन पर बैठकर खाया खाना!
वादा करके भूल गई भाजपा
- संघर्ष समिति के नेताओं ने कहा कि पूर्व दिनों लखनऊ के एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने आये भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से संघर्ष समिति के एक संयोजक द्वारा जब पदोन्नति बिल पर सवाल पूछा गया था।
- तो उनके द्वारा यह कहा गया था कि अगले सत्र में पदोन्नति बिल पास होगा।
- उसके बाद लोकसभा के दो सत्र बीत गये लेकिन बिल पास होने की बात तो दूर पदोन्नति बिल न तो लोकसभा के एजेण्डे में आया और न ही उस पर चर्चा हुई।
RTI: एनएचएम से 20.70 करोड़ के चिकित्सा उपकरण!
- जिससे पूरे देश के करोड़ों आरक्षण समर्थकों में काफी गुस्सा है।
- संघर्ष समिति ने पुनः अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि वास्तव में केन्द्र की मोदी सरकार दलितों की हितैषी है तो वह इसी मानसून सत्र में पदोन्नति में आरक्षण बिल को पास कराये।
- 137 दलित सांसद लेकिन किसी ने नहीं उठाई आवाजआरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, उ0प्र0 के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, के0बी0 राम, आर0पी0 केन, अजय कुमार, पी0एम0 प्रभाकर, अन्जनी कुमार, रीना रजक, दिग्विजय सिंह, बनी सिंह, अशोक कुमार, प्रेम चन्द्र, जितेन्द्र कुमार, श्रीनिवास राव, कृपा शंकर, अंजली गौतम ने कहा कि लगभग 3 साल से ज्यादा हो गया।
अमित शाह, CM योगी ने सोनू यादव के घर खाया खाना!
- परन्तु लोकसभा में पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संशोधन बिल लम्बित है।
- उस पर कोई भी बात करने को तैयार नहीं है, जिससे पूरे देश व प्रदेश में दलित कार्मिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
यह है सोनू यादव के घर अमित शाह के लंच का मेन्यू!
- बाबा साहब के नाम पर राजनीति करने वाले सभी नेताओं से संघर्ष समिति यह पूछना चाहती है कि उनके संवैधानिक अधिकार पर वह क्यों चुप रहते हैं?
- संघर्ष समिति के नेताओं ने अब तक सैकड़ों दलित सांसदों से पूरे देश में अलग-अलग मुलाकात की उनसे सहयोग मांगा।
- लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश के लगभग 137 दलित सांसद कभी भी एकजुट होकर पदोन्नति में (aarakshan bachao) आरक्षण बिल को पास कराने के लिये आवाज नहीं उठायी।