भाजपा सांसद बृज भूषण शरण सिंह के बेटे करन सिंह का नाम अवैध बालू भंडारण मामले में आया है. जिसके बाद जिलाधिकारी ने इस बाबत करन सिंह को नोटिस जारी किया है. बता दें कि करण सिंह ने सरकार के अवैध खनन परिवहन भंडारण नियमावली के खिलाफ 3952 घनमीटर अवैध बालू भंडारण किया है.
सांसद बृज भूषण शरण सिंह के बेटे के खिलाफ नोटिस:
जहाँ योगी सरकार एक ओर अवैध खनन और भूमाफियाओं पर लगाम लगाने में लगी है, वहीं भाजपा के सांसद ही सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं. वहीं अपने सत्ता के बल पर अवैध कार्यों को छिपाकर कारोबार बढ़ाने में लगे हुए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अपराधियों पर सरकार कैसे शिकंजा कसे, जब खुद सरकार के सांसद और भाजपा के नेता ही ऐसे मामलों में संलिप्त हैं.
3952 घनमीटर अवैध बालू भंडारण का मामला:
ऐसा ही एक मामला भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का है, जिसमें उनका नाम भी अवैध बालू खनन मामलें में आ रहा है. कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे ने 3952 घनमीटर का अवैध बालू का भंडारण कर रखा है. जिसके कारण जिलाधिकारी ने सांसद के बेटे के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
क्या है मामला:
कैसरगंज से सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे कारण सिंह पर 3952 घनमीटर अवैध बालू भंडारण का आरोप लगा है. करण सिंह ने इस्माईल गंज के नरेंद्र मेमोरियल में अवैध बालू डम्प की है. ये बालू बिना पट्टे और लाइसेंस के डंप की गयी है. डंपरों में लाद कर तकरीबन 3952 घनमीटर अवैध बालू नरेंद्र मेमोरियल में पहुंचाई गयी. बता दें कि सांसद के बेटे ने सरकार के अवैध खनन परिवहन भंडारण नियमावली के खिलाफ अवैध बालू भंडारण किया है.
जिसके बाद जिलाधिकारी गोंडा ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण सिंह को नोटिस जारी किया है.
जांच में पकड़ा गया अवैध बालू भंडारण:
जिलाधिकारी गोंडा द्वारा जारी की गई नोटिस के मुताबिक खनन निरीक्षक ने तरबगंज तहसील क्षेत्र में 13 जुलाई को बालू भंडारण के संबंध में जांच की। जिसमें नरेंद्र मेमोरियल निजी आइटीआइ कॉलेज इस्माइलपुर में साधारण बालू का अवैध भंडारण पाया गया।
इसके संबंध में आसपास के लोगों ने बताया कि यह बालू डंपर ट्रक से दुर्गागंज के बालू खनन करने वालों द्वारा यहां लाया गया है तथा यह कॉलेज उन्हीं लोगों का है। खनन निरीक्षक ने बालू की पैमाइश की। जिसमें 3952 घन मीटर का अवैध भंडारण पाया गया है।
साथ ही यह भी रिपोर्ट दी गई कि जिस स्थल पर बालू का भंडारण किया गया है उस स्थल के लिए न तो कोई स्वीकृति है और न ही किसी ने आवेदन किया है।