लखनऊ विकास प्राधिकरण अक्सर चर्चा में रहता है. यहाँ घोटाले नहीं होते हैं. यहाँ दिन-दहाड़े डकैती होती है. डकैती भी ऐसी कि सरकार भी कार्रवाई करने से कतराती है. लेकिन किरकिरी होने के बाद अब विभाग की नींद खुली है. ‘डकैत’ बाबू (mukteshwar nath ojha) के कब्जे वाली आलमारी का ताला तोड़ने का निर्देश जारी कर दिया गया है.
आज तोड़े जाएंगे आलमारी के ताले:
- एलडीए बाबू मुक्तेश्वर नाथ की अलमारी के ताले आज तोड़े जाएंगे.
- फर्जीवाड़े के आरोप में सस्पेंड एलडीए बाबू ओझा के कब्जे वाले चार अलमारियों के ताले तोड़े जाने के लिए सचिव जयशंकर दुबे ने निर्देश दिए हैं.
- 27 फरवरी को सस्पेंड होने के बाद से बाबू ने नई बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर बने केबिन पर कब्ज़ा कर रखा है.
भ्रष्ट बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा अबतक आजाद:
- एलडीए के करोड़पति बाबू मुकेत्शवरनाथ ओझा के नाम 30 से अधिक मामले रिपोर्ट हो चुके हैं.
- भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात करने वाली योगी सरकार के राज में भ्रष्ट बाबू को थाने से छोड़ दिया गया.
- एलडीए के इस करोड़पति बाबू के रसूख की कहानी लम्बी है.
- एलडीए बाबू मुक्तेश्वर नाथ ओझा का रसूख बोलता है.
- करोड़पति बाबू ने बेशकीमती प्लॉट आधा दर्जन बनाए
- प्रियदर्शनी योजना में 31 भूखंडों का घोटाला करने का आरोप भी इनपर है.
इनके खाते में आज आधा दर्जन बेशकीमती प्लॉट जुड़ गए हैं. - केवल इनकी पत्नी के नाम अब तक 4 भूखंड सामने आ चुके हैं.
- ये कारगुजारी इन्होंने प्रियदर्शनी योजना में 31 भूखंडों में घपला करके अंजाम दिया है.
- मुकेत्शवर नाथ ओझा के खिलाफ 31 प्लाटों का घपला करने की शिकायत आवास विभाग और विजिलेंस तक में लंबित है.
- बताया जा रहा है कि प्रियदर्शी योजना के 31 भूखंडों का इसने फर्जी आवंटन बाबू ने बैक डेट में कर डाला था.
- ये 31 भूखंड साल 2008 में काटे गए थे.
- रिकॉर्ड यह बना कि इन भूखंडों को फर्जीवाड़ा करके 2005 में ही आवंटित दिखा दिया गया.
- अब बाबू के कारानामों की नजह से एलडीए को करोड़ों रुपए की चपत लगी है.
पत्नी के नाम करोड़ों की प्रॉपर्टी:
- पत्नी के नाम अब तक 4 भूखंड की बात सामने आयी है.
- जबकि LDA के नियमानुसार एक आवंटी को एक से अधिक भूखंड आवंटित नहीं हो सकते हैं.
- प्रियदर्शी में भूखंड 1/6 को फर्जी तरीके से विराटखंड में भूखंड संख्या 2/271 से समायोजित कर लिया गया.
- प्रियदर्शी और जानकीपुरम योजना की 500 से अधिक फाइल गायब करने का आरोप भी इनपर है.
- गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-4 में भी 8 भूखंडों के मनमाने आवंटन की आवास विकास में शिकायत भी दर्ज है.
- प्रियदर्शी योजना में परिजनों के नाम पर भूखंड आवंटन की शिकायत भी इनके नाम पर ही है.
- 1990 में संविदा कर्मचारी से एलडीए में काम शुरू करने वाले मुक्तेश्वरनाथ ओझा को खुद अधिकारियों की सरपरस्ती ने एलडीए में घोटालों का सरताज बना दिया.
- 2011 में एलडीए में स्थाई नौकरी पाने के बाद तेजी से इनकी हैसियत बढ़ी.
- इन्होने बसपा से टिकट लेकर विधानसभा चुनाव तक लड़ने की तैयारी कर ली थी.
- हालांकि टिकट नहीं मिला जिसके बाद वो बीजेपी से भी जुगाड़ लगाते रहे.