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‘आरोग्यम’ के जरिये लखनऊ में 23 हजार से अधिक लोगों को मिला लाभ

benefits through Aarogyam

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जब कभी नजाकत, नफासत और तहजीब की बात आती है, तो आमतौर पर सबसे पहले जिस शहर का नाम जेहन में आता है, वह नवाबों का शहर लखनऊ है। लेकिन लखनऊ के आस-पास कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो अभी भी कई मायनों में पीछे हैं विशेष कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई ऐसे ब्लाक हैं। यहां अभी भी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं की बहुत जरुरत है। आरोग्यम मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं अमृत कॉर्नर ने साथ मिलकर एक मुहिम चलायी जिसके तहत लखनऊ के मोहनलालगंज ब्लाक में अब तक 23,000 से भी अधिक लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मिल चुकीं हैं। डीएलएफ फाउंडेशन और हिंदुस्तान लैटेक्स परिवार नियोजन संवर्धन ट्रस्ट (एचएलएफपीपीटी) ने साथ मिलकर इस पहल की शुरुआत की है।

इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी पिछड़े क्षेत्रों के लोगों के बीच स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है तथा स्वास्थ्य देखभाल एवं प्रारंभिक स्वास्थ्य जांच के प्रति लोगों को जागरूक भी करना है। लखनऊ के मोहनलाल गंज ब्लॉक में इन्होंने अभी तक अपनी इस स्वास्थ्य परियोजना के अंतर्गत 22 गाँव को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा चुके हैं जिसमें पुरसैनी के 5 और मऊ ग्राम पंचायत के 17 गाँव शामिल हैं। इस योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है जिसमें डीएलएफ फाउंडेशन का मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं अमृत कॉर्नर द्वारा परिवार नियोजन काउन्सलिंग सेंटर शामिल है। समाज के एक बड़े भाग के लिए स्वास्थ्य देखभाल, एक बहुत बड़ी चुनौती है।

आरोग्यम मोबाइल मेडिकल यूनिट, जीवन शैली में होने वाली विभिन्न प्रकार की प्रारंभिक बीमारियों जैसे बुखार, दस्त, जन्म संबंधी रोग, मातृत्व एवं बाल स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, इत्यादि में स्वास्थ्य सुविधायें दे रहा है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के उपाय भी बताता है। मोबाइल मेडिकेयर यूनिट (MMU) की देखरेख में एक डॉक्टर की टीम द्वारा प्रारंभिक जाँच के बाद जटिल मामलों के मरीजों को बेहतर इलाज के लिये उपाय बतायें जाते है एवं समय-समय पर उनकी स्थिति का जायजा भी लिया जाता हैं। आरोग्यम पहल की शुरुआत प्रमुख अस्पतालों ने मिलकर शुरू किया जैसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, गाईनेकोलॉजी विंग ऑफ़ संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और क्वीन मैरी अस्पताल इत्यादि।

हमारे समाज में एक कहावत प्रचलित है ‘छोटा परिवार सुखी परिवार’। लेकिन यह कहावत तभी सार्थक होती है जब पति-पत्नी परिवार नियोजन संबंधी पूरी जानकारी रखते हों। इसीलिये अमृत कॉर्नर ने परिवार नियोजन पर एक काउंसलिंग सत्र का आयोजन किया जिसमें महिलाओं एवं पुरुषों को अनचाही प्रेगनेंसी इत्यादि से बचने के उपाय भी बताये जैसे कंडोम, गर्भनिरोधक गोली इत्यादि। इस सत्र में अमृत कॉर्नर ने स्वछता वर्कशॉप के ज़रिये महिलाओं को मासिक धर्म में स्वच्छता एवं शारीरिक स्वास्थ्य इत्यादि से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी के बारे में जागरूक भी किया गया। इसके अलावा, अमृत कॉर्नर ने सरकार के नसबंदी शिविरों को सुविधाजनक बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी संदर्भ में अमृत कॉर्नर ने सरकार की परिवार नियोजन योजना का भी उल्लेख किया है।

अभी तक प्रदेश में आरोग्यम पहल के तहत मोबाइल मेडिकल यूनिट वैन के माध्यम से 16873 मरीजों को प्राथमिक इलाज मुहैया करवा चुके हैं। इसमें लगभग मधुमेह के 788 मरीज़, हाइपरटेंशन के 837, गठिया के 2180 मामले और वेक्टर से उत्पन्न बीमारियों के 1975 मामले शामिल थे। इस पूरी परियोजना के लिये 5 स्वास्थ्य जांच शिविर लगाये गये जिसमें 1146 मरीज़ों का इलाज हुआ। जिनमें एनीमिया, गर्भावस्था, एचआईवी/एड्स इत्यादि से जुड़े कुछ टेस्ट एवं काउंसलिंग सत्र का भी आयोजन किया गया। इस कैंप का मुख्य आकर्षण ब्रैस्ट कैंसर स्क्रीनिंग एवं सरवाईकल कैंसर के बारे में जागरूक करने के लिये लखनऊ के प्रमुख अस्पतालों से स्त्रीरोग विशेषज्ञों की टीम भी आयी थी। जिन्होंने जीवन शैली को बेहतर तरीके से जीने के लिये कुछ उपाय भी दिये ताकि समाज का प्रत्येक नागरिक जागरूक एवं स्वस्थ बन सके।

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