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सांसद योगी आदित्यनाथ के सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लिए गांव जंगल औराही का बुरा हाल

Reality check of Mahant Adityanath village under Sanad Adarsh Gram Yojna

सांसद योगी आदित्यनाथ के सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत लिए गांव जंगल औराही का बुरा हाल
जहाँ एक तरफ मोदी ने प्रदेश के विकास को पंख लगाने के लिए प्रत्येक सांसद कोसांसद ग्राम योजना के तहत प्रत्येक फेज में एक एक गाँव को गोद लेकर उनका विकास करने का निर्देश दिया था। विकास पुरुष के नाम से चर्चित हो चुके पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सांसद आदर्श ग्राम योजना को पूर्वांचल में जबरदस्त पलीता लग रहा है। बीजेपी के फायर ब्रांड लीडर सांसद महंत आदित्यनाथ के आदर्श गांव जंगल औराही का बुरा हाल है। यहां विकास का कार्य अभी तक प्रस्ताव तक ही सीमित है।
सांसद योगी के गोद लिए गाँव का मीडिया टीम ने लिया जायजा
महंत आदित्यनाथ ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में चरगांवा विकास खंड के जंगल औराही गांव को गोद लिया गया है। इसके अलावा सांसद आदर्श ग्राम योजना की तर्ज पर विकास के लिए गोरखपुर संसदीय क्षेत्र के 10 और गांवों का चयन किया गया। मीडिया टीम ने जंगल औराही गांव का रियलिटी चेक किया। इसके लिए टीम गांव के विशुन टोला पहुंची। टोला के राजमन, प्रभावती और राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि विशुन टोला में अशोक चौधरी के घर से ओम प्रकाश गुप्ता के घर तक जनवरी महीने में नाली बनी थी।
रसोई गैस कनेक्‍शन चढ़ा भ्रष्‍टाचार की भेंट
नाली में मानक के अनुसार ईंट, सीमेंट-बालू का प्रयोग नहीं किया गया है, जिसके कारण नाली टूटने लगी। उक्त लोगों ने बताया कि रसोई गैस कनेक्शन के तहत सौरभ भारत गैस एजेंसी ने उन्हें एक सिलिंडर 4350 रुपए लेकर दिया था। फार्म भराए जाते समय सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि बीपीएल और अन्त्योदय कार्ड धारकों को गैस कनेक्शन आठ सौ और एपीएल को 2400 में दिया जाएगा,
शौचालय में की जा रही मानकों की अनदेखी
इसी प्रकार ग्राम पंचायत निधि से जंगल औराही के शिवाला टोला में शौचालय बन रहा है। शौचालय में मानक का प्रयोग नहीं किया गया। सोकपिट का ढक्कन तो चढ़ाने के पहले ही टूट जा रहा है। यही हाल शौचालय की छत का भी है। यहां उमा, प्रहलाद, सुरेश, गब्बर, रामदेव, शिवमंगल, सुगनी, परिखन सहित अन्‍य ने बताया कि यह शौचालय कभी भी गिर सकता है। उन्होंने प्रधान और ठेकेदार दोनों से इसकी शिकायत की, लेकिन फिर भी काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया।
गोरखपुर की अधिकांश सड़के है जस की तस
सांसद योगी आदित्यनाथ ने सरकार बनने के बाद प्रदेश में 15 जून तक सड़कों को गड्ढा मुक्‍त करने का फरमान जारी किया था। उनकी डेडलाइन पूरी भी हो गई। प्रदेश के अन्य जिलों की बात छोड़ दें, सांसद योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर की अधिकांश सड़कों की दशा जस की तस बनी है। सड़कों की स्थिति अब भी काफी जर्जर है।  ग्रामीण इलाकों की बात तो छोड़िये, शहर की पॉश कालोनियों में भी सड़कों की स्थिति बेहद खराब है।
  • इन सड़कों पर चलना हमेशा खतरे से भरा होता है।
  • गोरखनाथ मंदिर से खाद कारखाने को जोड़ने वाली सड़क नगर निगम के जिम्मे है।
  • इस सड़क पर हमेशा वीआईपी मूवमेंट होता रहता है,
  • लेक‍िन 5 किमी की इस सड़क में 500 से अधिक गड्ढे लोगों की मुश्किलों को बढ़ा रहे हैं।
  • कुछ जगहें ऐसी हैं, जहां हुए गड्ढों में मछली पालन तक किया जा सकता है।
सांसद योगी आदित्यनाथ के गोद लिए गाँव के भी बद से भी है बदत्तर है हालात
सांसद आदर्श ग्राम जंगल औराही जिसे गोरखपुर सदर से सांसद एवं अब यूपी के सांसद योगी आदित्यनाथ ने गोद लिया है, वहां की सड़क भी गड्ढा मुक्त नहीं हो सकी है। इस सड़क की लम्बाई तकरीबन 5 किमी है। 3 जून से पीडब्ल्यूडी ने यहां काम शुरू किया है और 500 मीटर तक ही गड्ढा मुक्त कर सके हैं। योगी आदित्‍यनाथ की घोषणा के बाद यहां के वासी भी उम्‍मीद लगा रहे थे कि उनकी इन सड़कों का कल्याण हो जाएगा, लेक‍िन उनकी सोच साकार रूप नहीं ले सकी। करीमनगर होकर मानबेला तक जाने वाली तकरीबन 1600 मीटर सड़क का हाल तो देखते ही बन रहा था। बीजेपी के केंद्र में सत्तासीन होने के कुछ माह पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने यहीं मानबेला के मैदान से विकास का वादा करते हुए 56 इंच का सीना दिखाया था।
  • यहां काम के नाम पर कुछ नहीं हुआ है तो लोगों की उम्मीदें धराशाई होने लगी।
  • सुरक्षित यात्रा में मात्र चुनौती कायम है।
  • इसी प्रकार ग्रामीण एरिया की बात करें
  • तो बड़हलगंज व साऊंखोर में सड़कों पर बड़े.बड़े गड्ढे आज भी राहगीरों को चुनौती दे रहे हैं।
  • कॉलोनियों के अन्दर और दियारा क्षेत्र की सड़कों की स्थिति भी बेहद खराब है।
बद से भी बदत्तर हुए मार्ग के हालात
गोरखपुर से होकर गुजरने वाले लगभग सभी हाइवे गड्ढा मुक्त हो चुके हैं, लेकिन गोरखपुर-वाराणसी मार्ग का कोई पुरसाहाल नहीं है। आज भी इस रोड पर बड़े-बड़े गड्ढे सुरक्षित यात्रा की राह में चुनौती हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा दो दिन पूर्व कमिश्नर को भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार इस राजमार्ग पर बड़हलगंज व साऊंखोर में लगभग पंद्रह बड़े.बड़े गड्ढे रह गए हैं, जिन्हें भरने का काम चल रहा है। गोरखपुर से होकर तीन नेशनल हाइवे व चार स्टेट हाइवे गुजरते हैं, जिसमें से एक नेशनल हाइवे व एक स्टेट हाइवे बदहाल है। अन्य मार्गों को गड्ढामुक्त कर दिया गया है।
  • रामजानकी मार्ग (एसएच 72) रामजानकी मार्ग स्टेट हाइवे है।
  • इस पर सिकरीगंज से धनघटा तक गड्ढों की बात ही दूर पूरी सड़क उखड़ गई है।
  • कई जगह तो सड़क है ही नहीं। अनेक जगहों पर साढ़े तीन मीटर की सड़क में मात्र आधा फीट सड़क बची है।
  • उसके दोनों तरफ की गिट‍ियां उखड़ गई हैं, गड्ढा हो गया है।
प्रगति पर फोरलेन का कार्य
गोरखपुर-वाराणसी मार्ग (एनएच 29) गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग वर्षों से खराब व उपेक्षित है। यह सड़क पिछले 10 साल में कभी ठीक नहीं रही। इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे वाहनों की स्पीड ही कम नहीं करते हैं, बल्कि दुर्घटनाओं को भी दावत देते हैं।
आईये जाने क्या कहते हैं पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता
 पीडब्ल्यूडी गोरखपुर के अधिशासी अभियंता एके सिंह ने कहा कि 74 प्रतिशत सड़कों की हालत चकाचक हो गई है। सांसद आदर्श ग्राम जंगल औराही की जंगल धूसढ का जिक्र करने पर कहा कि इस मामले में निर्माण खंड तीन के एक्सईएन विजय सिंह से पूछ लीजिए।
केवल सांत्वना दे टाल रहे मामले को
नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह का फ़ोन रिसीव हुआ। योगी के क्षेत्र गोरखनाथ मंदिर से करीमनगर होते हुए मानबेला तक की सड़क के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नगर आयुक्त साहब अभी नहीं हैं। चीफ इंजीनियर सुरेश चंद से बात कर लीज‍िए। चीफ इंजीनियर सुरेश चंद ने कहा कि सड़कों की जानकारी एक्सईएन केसरी से ले लें।
  • एक्सईएन केसरी ने पहले तो कहा कि जिम्मेदार अधिकारी नगर आयुक्त हैं उन्हीं से बात कर जानकारी ले लीजिए।
  • फोन नंबर मांगने पर उन्होंने कहा कि नगर निगम ने उस सड़क के लिए एनओसी जीडीए को दी है।
  • जल्दी सड़क बन जाएगी।

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