निकाय चुनाव में आशानुरूप कामयाबी न मिलने से संघ नाखुश -हर महीने होगी समन्वय बैठक
राष्ट्रीय स्वयं सेवक की चिंता है कि अगर सरकार की परफार्मेंस का असर जनता तक नहीं पहुंचेगा तो लोकसभा चुनाव में उसके लिए ज्यादा बड़ी चुनौती होगी। संघ की यही चिंता भाजपा व सरकार के बीच समन्वय बैठक में जाहिर हुई। संघ के नेताओं ने शिक्षा व संस्कृति के मुद्दे पर ज्यादा गहराई से काम करने को कहा और नसीहत दी कि संगठन व सरकार जनता के बीच अपने कामों से छाप छोड़े
संघ निकाय चुनाव में भाजपा की उम्मीद से कम कामयाबी मिलने पर भी नाखुश दिखा। यह समन्वय बैठक पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार देर शाम हुई।
इसमें संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, कृष्ण गोपाल, राष्ट्रीय सहमहामंत्री संगठन शिव प्रकाश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अलावा सरकार के मंत्री व अन्य भाजपा नेता मौजूद थे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक संघ की ओर से कहा गया कि निकाय चुनाव में उस तरह की कामयाबी नहीं मिली जिस तरह की विधानसभा चुनाव में मिली थी।
खास तौर नगर पालिका परिषद व नगर पंचायतों के चुनाव में भाजपा बहुत कामयाबी नहीं मिली जबकि कुछ ही महीने पहले भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल कर अपना ग्राफ काफी उंचाइयों तक पहुंचाया था।
संघ ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर अच्छा काम हुआ है लेकिन अभी और इसे सख्त करने की जरूरत है। कहा गया कि सरकार में बैठे मंत्रियों को और जिम्मेदारी से व जनता से जुड़कर काम करना है और उदाहरण प्रस्तुत करना है।
संगठन को सरकार के कामकाज को जनता के बीच ले जाना है। बैठक में सरकारी विभागों के उच्च पदों पर समायोजन पर भी चर्चा हुई।
तय हुआ कि इस तरह की बैठक हर महीने हुआ करेगी ताकि सरकार व संगठन के बीच ज्यादा बेहतर तालमेल से काम हो सके।
रिटायर्ड शिक्षकों के बजाए युवाओं को मिले मौका बैठक में कहा गया कि शिक्षण संस्थाओं में प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं की भर्ती हो। ना कि रिटायर लोगों को दुबारा मौका दे दिया जाए।
अंग्रेजी नहीं मातृ भाषा पर दिया जाए जोर संघ ने इस बात एतराज किया कि पांच हजार अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को खोलने के बजाए मातृ भाषा वाले स्कूलों का विस्तार दिया जाए।
तीर्थाटन के नजरिए से हो तीर्थ स्थलों का विकास बैठक में कहा गया कि नीमसार, चित्रकूट जैसे तमाम पौराणिक, धार्मिक स्थलों का विकास केवल पर्यटन विकास के नजरिए से नहीं वरन तीर्थाटन की दृष्टि से होना चाहिए