हजरतगंज में रोज की तरह लोग चहलकदमी कर ही रहे थे कि अचानक वंहा मौजूद लोगो को गोलियो की तड़तड़ाहट सुनाई देने लगी। गोलियों की आवाज सुनकर लोग बदहवास होकर इधर-उधर भागने लगे जिसकी वजह से डीआरएम आफिस के पास भगदड़ मच गई।
बताया जा रहा है कि गोली चलने की वजह ठेकेदार आशीष पाण्डेय तथा पप्पू नामक व्यक्ति के बीच विवाद का होना था। यह विवाद देखते ही देखते इतना बढ़ गया कि पप्पू और मौके पर मौजूद उसके साथी सुमन पाण्डेय ने फायरिग शुरू कर दी। आशीष पाण्डेय ने गोलियों से बचने की कोशिश की लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद एक गोली उसके शरीर में जा घुसी जिसकी वजह से वह गंभीर रूप से घायल हो गया । ठेकेदार आशीश पाण्डेय को आनन-फानन में सहारा हास्पिटल में एडमिट किया गया। सहारा हास्पिटल में कुछ ही देर में उसकी मौत को गई। हजरंतगज में दिनदहाड़े होने वाले इस केस में आरोपी पप्पू सिंह यादव लखनऊ के आलमनगर का निवासी है। पूरे विवाद को जानने के लिए पुलिस के साथ- साथ आरपीएफ की टीम भी पड़ताल में लगी हुई है।
माना जा रहा है कि यह विवाद रेलवे के टेंडर को लेके था। इस केस में अपनी जान गवानें वाले ठेकेदार आशीश कुमार को सत्ताररूढ दल का करीबी बताया जा रहा है । आरोपी और उसका साथी गोली चलाने के बाद फरार है जिनका पता पुलिस अभी तक नहीं लगा पाई है।