उत्तर प्रदेश पूर्व सपा सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में साइकिल ट्रेक निर्माण किया था. लेकिन साइकिल ट्रेक निर्माण के दौरान बड़ा घोटाले किये गए जिनकी परतें अब खुलने लगी हैं. ताज़ा मामला यूपी के मेरठ जनपद का है. जहाँ साइकिल ट्रेक निर्माण में किये गए बड़ा घोटाला में शिकायत मिलने पर कमिश्नर प्रभात कुमार ने बड़ी कार्यवहाई करते हुए एमडीए के तीन अधिकरियो को गिरफ्तार करवा दिया है. बताया रहा है कि साइकिल ट्रेक के निर्माण के दौरान करोडो रूपये का वायर घोटाले हुआ था.
एमडीए में मचा हड़कंप –
- यूपी की पूर्व अखिलेश सरकार के दौरान मेरठ में साइकिल ट्रेक निर्माण कराया गया था.
- इस दौरान ये भी बात उठी कि साइकिल ट्रैक के सहारे बीच सड़क बिजली के खंभे मौत बनकर मंडरा रहे हैं.
- जिनके लिए एमडीए से इनकी शिफ्टिंग और वायर खरीदने के नाम पर डेढ़ करोड़ का भुगतान भी हो गया.
- इस दौरान वायर घोटाले के खुलासे के बाद एमडीए में हड़कंप मच गया है.
- दरअसल ग्राउंड पर एक इंच भी वायर न लगा और न ही कोई खंभा शिफ्ट हुआ.
- ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इंजीनियरों की मिलीभगत के बिना भुगतान कैसे हो गया.
- फाइनेंस डिपार्टमेंट क्या आंखे मूंदे हुए था.
ये था पूरा मामला-
- एमडीए में वायर घोटाले के खुलासे के बाद ही हड़कंप मचा हुआ है.
- दरअसल ये बात उठी थी के साइकिल ट्रैक के सहारे बीच सड़क बिजली के खंभे मौत बनकर मंडरा रहे हैं.
- ऐसे में एमडीए से इनकी शिफ्टिंग के नाम पर डेढ़ करोड़ का भुगतान भी हो गया.
- लेकिन इस दौरान मंगलपांडे नगर आवासीय समिति के सचिव देवेन्द्र सिंह की शिकायत पर कमिश्नर ने इस मामले की जांच कराई.
- इस जांच में एक बड़े घोटाले की परतें खुल कर सामने आई हैं.
- वहीं, सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने भी कहा है कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
- करीब दो साल पहले डीएम कंपाउंड की सड़क और साइकिल ट्रैक बनाने का काम शुरू हुआ.
- तब यहां बीच सड़क खड़े खंभे और बिजली के तार हटाकर अंडरग्राउंड केबिल बिछाने का फैसला हुआ.
- साइकिल ट्रैक और डीएम कंपाउंड की सड़क की डीपीआर में यह शामिल भी हुआ.
- इसके टेंडर भी हो गए पर काम नहीं हुआ.
- एमडीए ने इसके लिए 1.5 करोड़ का भुगतान भी कर दिया.
- लेकिन आज तक भी यह तार और खंभे बदले नहीं गए हैं.
शिकायत के दौरान कही गई ये बातें-
- मंगलपांडे नगर आवासीय समिति के सचिव देवेन्द्र प्रताप सिंह तोमर ने कमिश्नर से इस मामले की शिकायत की थी.
- उन्होंने कहा कि जब टेंडर हो गया और 1.5 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया तो फिर काम क्यों नहीं हुआ.
- बीच सड़क बिजली के खंभों की वजह से हर वक्त दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है.
- तोमर ने कहा कि 20 महीने पहले इसका टेंडर हो गया और बिना काम बड़ी धनराशि का भुगतान भी हो गया.
- दो महीने पहले भी तोमर, कमिश्नर से मिले और पूरे मामले की शिकायत की.
- कमिश्नर ने इस पर एमडीए अफसरों से रिपोर्ट तलब कर ली.
- फाइलें खंगाली गईं तो पता चला कि बिना काम के ही डेढ़ करोड़ से ज्यादा का भुगतान हो गया.
- इस भुगतान से जो केबिल खरीदकर लगाया जाना था वह अंडरग्राउंड लगना था.
- लेकिन मौके पर साइकिल ट्रैक बन गया.
- ऐसे में अब अगर यह वायर लगाया भी जाएगा तो सड़क उखाड़नी पड़ेगी.
- उधर इस मामले में कमिश्नर ने संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए एमडीए वीसी को निर्देश दिए हैं.
- जिसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने एक जे.ई रविंद्र कुमार, एक्शन एपी सिंह और ऐ ई ऐस एन मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है.
- एमडीए वीसी सीताराम का कहना है कि यह उनके कार्यकाल के पहले का मामला है.
- इसकी गहन जांच पड़ताल चल रही है.
- इस मामले में तथ्यों के आधार पर आगे की ठोस कार्रवाई की जाएगी.
कमिश्नर डॉक्टर प्रभात कुमार का बयान-
- वायर खरीदने के लिए 2 करोड़ का घोटाला हुआ है.
- जिसमें बिना वायर खरीदे ही डेढ़ करोड़ का भुगतान हुआ है.
- कमिश्नर प्रभात कुमार ने बताया की एक ठेकेदार को लाभ देने के लिए भुगतान किया गया.
- उन्होंने बताया कि मामले में तत्कालीन वीसी, सचिव और 3 लोग गिरफ्तार किये गए हैं.
- साथ ही इन अधिकारियों के खिआफ एफआईआर दर्ज की गई.
- यही नही अधिकारियों के निलंबन के लिए शासन को पत्र लिखा गया है .
- कमिश्नर प्रभात कुमार ने बताया की सपा सरकार में 1800 मीटर तार का हुआ भुगतान
- उन्होंने ये भी बताया कि 4 हजार रुपए के हिसाब से किया गया भुगतान.