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उत्तर प्रदेश का शाहजहांपुर जिला अपने अतीत में आजादी की लड़ाई तमाम कुर्बानियों के लिए जाना जाता है। शहीदों की नगरी के रूप में विख्यात शाहजहांपुर की सरजमी पर पंडित राम प्रसाद बिस्मिल आशफाक अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह जैसे अमर शहीदों की जन्म भूमि रही है। साथ ही यहां की सरजमी ने हमेशा साम्प्रदायिक सदभाव की मिशाल पूरे देश में पेश की है।
- आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी यहां के बाशिन्दे क्रान्किारियों से अपने जुड़ाव पर गर्व महसूस करते हैं।
- इसके साथ ही आपको एक शाहजहांपुर से जुड़ी एक ऐसी बात बताएंगे जिसे आज तक कभी आपने नही सुना होगा और न ही कोई जानता होगा।
कहाँ बनता है लालकिले से फहराया जाने वाला राष्ट्रीय ध्वज पढ़ें अगले पेज पर :
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- हम उस झंडे के बारे में आपको बताएंगे जो 15 अगस्त को लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा फहराया जाता है।
- आपको नही पता होगा कि लाल किले से फहराया जाने वाला झंडा किस फैक्ट्री से मंगवाया जाता है?
- किस कपङे से वह झंडा बना होता है, झंडे की लंबाई और चौङाई कितनी होती है, झंडे में बने चक्र को विभाजित करने के लिए कितनी तीलियां लगाई गई थी?
- प्रधानमंत्री द्वारा झंडे को फहराए जाने के बाद किस स्थान पर सुरक्षित रखा जाता है।
- आज हम आपको प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर फहराए जाने वाले झंडे से जुड़ी हर बात बताएंगे जो अभी तक आपको नही पता है
- जुस्त जू नहीं है, न है कोई आरजू, तमन्ना बस यही है कि कोई रख दे राखे-ए-वतन कफन पे।
- इन शब्दों के साथ अमर शहीद आशफाक उल्ला खां ने आजादी के खातिर फांसी का फन्दा चूमा था।
- ये वही आशफाक उल्ला खा है। जो शाहजहांपुर के एमन जई जलाल नगर के पठान परिवार मे यहां 22 अक्टूबर सन 1900 को जन्मे थे।
- शाहजहांपुर के मिशन स्कूल में उन्होने शुरूआती शिक्षा ग्रहण की और यही पर उनकी दोस्ती प0 राम प्रसाद बिस्मिल से हो गई
- बिस्मिल का परिवार यहां के खिरनी बाग मोहल्ले में रहता था लेकिन वे पक्के आर्य समाजी होने के नाते यहां के आर्य समाज मन्दिर में रहते थे।
- बाद इन दोनों की दोस्ती इतनी चर्चित और गाड़ी हो गई कि इस पक्के पठान ने बिस्मिल के निवास स्थान आर्य समाज में ही रहना शुरू कर दिया।
- जहां से ये अपनी शैक्षिक और क्रान्तिकारी गतिविधियों के बारे योजनाए बनाने का दौर शुरू हुआ।
- बचपन में देश के प्रति मर मिटने के जज्बे के साथ आशफाक जवानी के दौर में ही बिस्मिल के नेतृत्व में क्रान्तिकारियों की टोली में शामिल हो गये।
किस कपड़े से बना होता है राष्ट्रीय ध्वज जाने अगले पेज पर :
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- 15 अगस्त को दिल्ली के लाल किले से प्रधानमंत्री द्वारा फहराए जाने वाला ध्वज रेशम से बना होता है।
- उस ध्वज का आकार 307cm × 240cm होता है और ध्वज में 24 तीलियां होती है।
- प्रधानमंत्री द्वारा झंडे को फहराए जाने के बाद उस झंडे को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सशस्त्र बलों की होती है।
- उनकी सुपुर्दगी में झंडे को दे दिया जाता है।
किस शहर की किस फैक्ट्री में बनता है हमारा राष्ट्रीय ध्वज पढ़े अगले पेज पर :
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- अब बात करते हैं कि इस झंडे को प्रदेश के किस शहर की कौन सी फैक्ट्री से तैयार कराकर मंगवाया जाता है।
- वह शहर है देश के उत्तर प्रदेश का जनपद शाहजहांपुर है। जहां से हमारे राष्ट्रीय ध्वज को बनवाकर मंगवाया जाता है।
- दरअसल आयुध वस्त्र निर्माण फैक्ट्री शाहजहांपुर में है इस फैक्ट्री ने अपने 100 साल भी पूरे कर लिए हैं।
- इस फैक्ट्री में आर्मी की वर्दी तैयार की जाती है। जिसको शहर में लोग दरजीखाना भी कहते हैं।
- लाल किले पर फहराए जाने वाले झंडे को इसी फैक्ट्री में बनाया जाता है।
- हर 15 अगस्त को राष्ट्र ध्वज बनाने की जिम्मेदारी इस फैक्ट्री को दी जाती है।
- 15 अगस्त को जब प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता है तो उस वक्त देश गर्व महसूस कर रहा होता है तो वही शाहजहांपुर की खुशी डबल हो जाती है क्योंकि उस झंडे को शाहजहांपुर से मंगवाया जाता है।
- बताते हैं कि शहर में आयुध वस्त्र निर्माणी फैक्ट्री बनने के बाद शहर की बेरोजगारी इस फैक्ट्री ने खत्म कर दी थी।
- बताते है उस वक्त शहर की आधी आबादी से ज्यादा लोग इस फैक्ट्री में नौकरी करते थे।
- और आज भी तीन से चार हजार के करीब वर्कर्स इस फैक्ट्री में है।
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